
ये सुनकर साशा का मुंह बन गया। तभी साशा के होठों के किनारे एक चावल का टुकड़ा लग गया। जिसे देखकर दावंश आगे बढ़ा और उसके होंठो को टच करते हुए उस चावल के टुकड़े को हटाने लगा।
साशा का दिल जोरो से धड़कने लगा और वो बस दावंश की आंखों में देखने लगी। दावंश भी उसकी आंखों में देख रहा था। चावल के टुकड़े को हटाते वक्त दावंश ने उसके छोटे से होठों को धीरे से मसल दिया।

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