
आईना के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई। उसने तुरंत दर्द में अपना चेहरा पकड़ा। उसे बहुत ज्यादा दर्द महसूस हो रहा था, लेकिन शनाया गुस्से से बोलते हुए कहने लगी, "तुम्हारी इतनी औकात? तुम मेरे बेटे के साथ जिंदगी बिताना चाहती हो? मैंने तुमसे कहा था न—मेरा बेटा तुम्हारा कुछ भी नहीं है, उसके साथ जिंदगी बिताने के बारे में मत सोचना। तो तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसा सोचने की? तुम्हें तो मैं जान से मार दूंगी।" यह कहते हुए शनाया उसकी तरफ बढ़ी। लेकिन तब तक अनीता ने जल्दी से आईना को पकड़ते हुए कहा, "मैडम, प्लीज शांत हो जाइए। पहले ही आपने उसके साथ बहुत कुछ कर दिया है; देखिए ना, बिचारी दर्द में रो रही है। अगर साहब ने ऐसी हालत देख ली तो वे बहुत सवाल करेंगे, फिर आप उनका क्या जवाब देंगे? इसलिए मुझे लगता है कि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।" यह कहते हुए वह आईना को संभालने लगी।




















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