
व्यांश के हाथों की मुठ्ठियाँ बंद हो चुकी थीं।
तभी आरुषि जी ने कहा, “बेटा, यही सही समय है दुआ से शादी कर लो। उसके साथ हंसी-खुशी जिंदगी बिताओ। अगर एक बार तुम उससे शादी कर लोगे, तो तुम्हारे बाप भी तुम्हें परेशान नहीं कर पाएंगे। जब तुम उसे और अपने बच्चों को लेकर दुनिया के सामने जाओगे, तो देखना — कहीं ना कहीं तुम्हारे दादाजी और डैड भी एक्सेप्ट कर लेंगे।”




















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