
यशवर्धन ने आईना के बालों को कसकर पकड़कर अपनी तरफ घुमाया। आईना के दर्द में एक आह निकल गई। उसने दर्द में कहा, “प्लीज़ मिस्टर यश, मुझे छोड़ दीजिए… मुझे दर्द हो रहा है।”
लेकिन यशवर्धन ने अपनी ठंडी आवाज़ में कहा, “आख़िर कब तक ये झूठा नाटक करोगी? मुझे अच्छे से पता है तुम्हें सब कुछ याद है। तुम अच्छे से जानती हो कि मैं कौन हूँ। इसलिए ये ड्रामा बंद करो, क्योंकि मैं तुम्हारे इस ड्रामा से बिल्कुल बोर हो चुका हूँ।”




















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