मल्लिका की बात सुनकर सौम्या कुछ सेकंड तक उसे देखती रही और फिर मुस्कुरा कर बोली, "तुम्हारे brother - in -law बहुत रिच हैं। वो टॉप 3 बिज़नेस टाइकून में आते हैं, और फिर तुम समझ सकती हो कि वो कितने ज्यादा बिज़ी होंगे। लेकिन फिर भी मैं तुम्हारे लिए उनसे बात करूंगी और उन्हें तुमसे मिलने के लिए भी बुलाऊंगी।"
ये सुनकर मल्लिका अपनी आंखें बड़ी करके बोली, "ओ माय गॉड! क्या वो सच में इतनी ज्यादा रिच हैं? ये तो बहुत अच्छी बात है दी! आप तो सच में बहुत किस्मत वाली हो। वो आपसे बहुत प्यार करते होंगे ना? And वो फिर मुझमें भी interested होंगे!'"
ये सुनकर सौम्या मुस्कुराते हुए बोली, "हाँ, सही कहा तुमने। वो मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और वो हमेशा मेरा ख्याल रखते हैं। हमारी जब सगाई हुई, तब हम और भी ज्यादा करीब आ गए।"
ये सुनकर मल्लिका ने प्यार से कहा, "मैं आपके लिए बहुत खुश हूँ। फाइनली आपको आपका प्यार मिल गया।"
ये सुनकर सौम्या मुस्कुराई। तभी मल्लिका ने कहा, "वैसे उनका फोटो दिखाइए, मैं उन्हें देखना चाहती हूँ।"
इसके जवाब में सौम्या बोली, "कल वो खुद आ रहे हैं। तुम उनसे सामने से मिल लेना। फोटो से मिलने की क्या जरूरत है।"
ये सुनकर मल्लिका ने फिर अपना सिर हिला दिया। जिसके बाद सौम्या ने कहा, "अब जाओ जाकर चेंज कर लो।"
इसके जवाब में मल्लिका ने अपना सिर हिलाया और फिर वो वहाँ से सीधा कमरे की तरफ बढ़ गई।
इधर, सौम्या अपने कमरे में आई। उसने फोन निकाला और किसी के पास हिचकिचाते हुए कॉल डायल कर दिया। पहली बार में कॉल पिक नहीं हुआ, लेकिन फिर दूसरी बार में आखिरकार कॉल पिक हुआ।
उधर से बेहद ठंडी आवाज आई, "व्हाट हैपन्ड? तुम्हें इस वक्त कॉल क्यों कर रही हो? क्या तुम्हें पता नहीं है, मैं इस वक्त ऑफिस में होता हूँ और मेरे पास बहुत से इंपॉर्टेंट काम होते हैं?"
उस इंसान की भारी मगर ठंडी आवाज सुनकर सौम्या थोड़ा सा हिचक गई।
लेकिन उसने जल्दी से कहा, "एक्चुअली मैंने आपके पास एक इंपॉर्टेंट काम के लिए ही कॉल किया था। मैंने बेवजह कॉल नहीं किया था।"
उस इंसान ने गुस्से के साथ कहा, "वॅटएवर! अब बताओ, मुझे कौन सा ज़रूरी काम है क्योंकि मुझे इंपॉर्टेंट मीटिंग में जाना है।"
इसके जवाब में सौम्या ने धीमे ही पर कहा, "एक्चुअली बात ये है कि मेरी बहन पूरे 5 साल बाद इंडिया वापस आई है।"
"ओके," सुनकर वो इंसान दूसरे ही पर गुस्से से दांत पीसकर बोला, "तो तुम क्या चाहती हो? मैं एयरपोर्ट पर उसके वेलकम के लिए जाऊं?"
ये सुनकर सौम्या ने उदासी के साथ कहा, "जी नहीं, मैं वो नहीं कहना चाहती। मैं तो बस ये कह रही थी कि वो इंडिया वापस आ चुकी है और कल उसका बर्थडे है। मैं चाहती हूँ कि आप उसके 18th बर्थडे पार्टी में आएँ। वो आपसे मिलना चाहती है। वो आपसे मिलकर बहुत खुश होगी। आफ्टर ऑल, आप उसके ब्रदर-इन-लॉ हैं।"
ये सुनकर वो इंसान गुस्से के साथ बोला, "क्या तुम सोचती हो, मेरे पास यही काम रह गया है कि मैं ये फालतू की बर्थडे पार्टीज़ अटेंड करूँ? क्या तुम्हें पता नहीं है, मैं आखिर कौन हूँ? या फिर, जैसे तुम्हारा बाप एक नॉर्मल एम्प्लॉयी है, वैसे ही तुम भी मुझे समझती हो? आई एम द रिचेस्ट वन पर्सन! आई एम द्रांश राजवंशी! मैं ऐसे किसी भी बर्थडे पार्टी को अटेंड नहीं करता। लोग मुझसे मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेते हैं, और तुम चाहती हो कि मैं तुम्हारी बहन की उस नॉर्मल से बर्थडे पार्टी में शामिल हो जाऊँ? दोबारा से कॉल मत करना!"
इसी के साथ द्रांश ने कॉल कट कर दिया। ये सब कुछ सुनकर सौम्या की आंखों में आंसू आ गए। उसने फोन को देखते हुए कहा, "द्रांश ने कॉल ही कट कर दिया। अब मैं क्या करूंगी? वो तो आना ही नहीं चाहते। अब मैं मल्लिका को क्या जवाब दूंगी? वो तो कितनी ज्यादा एक्साइटेड है अपने ब्रदर-इन-लॉ से मिलने के लिए। अगर उसे पता चला कि उसके ब्रदर-इन-लॉ उससे मिलने में बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं रखते, तो उसे कितना ज्यादा बुरा लगेगा। वो तो बिना द्रांश से मिले ही उनके लिए इतना अच्छा सोच रही है। पता नहीं क्या होगा।
लेकिन मुझे बहुत घबराहट हो रही है। और अगर मल्लिका को हमारी सगाई का सच पता चल गया, तब क्या होगा? वो तो बहुत नाराज हो जाएगी। ओह गॉड, मैं क्या करूं? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। कल उसका बर्थडे है, और अगर द्रांश नहीं आए, तो प्रॉब्लम हो जाएगी।"
सौम्या अभी भी ये सब कुछ कह रही थी कि तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज आई। मल्लिका ने कहा, "दी, आपने कहा था कि आप मेरे लिए कुछ खाने को बनाएंगी, पर अभी तक तो आपने कुछ नहीं बनाया। आप क्या कर रही हो?"
मल्लिका की आवाज सुनकर सौम्या अपने होश में आई और जल्दी से फोन रखते हुए बोली, "हाँ हाँ, मैं तो बस जा ही रही थी। क्या तुम फ्रेश हो गई?"
मल्लिका, जो इस वक्त कैजुअल शॉर्ट्स में थी, उसने स्माइल के साथ कहा, "यस दी, मैं रेडी हो गई। वैसे आपको पता है ना कि कल क्या है?"
ये सुनकर सौम्या फिर एक्टिंग करते हुए बोली, "क्या है कल? मुझे तो याद नहीं है।"
ये सुनकर मल्लिका ने मुंह फूलाते हुए कहा, "आप कैसी बातें कर रही हैं? क्या आपको वाकई नहीं पता कि कल क्या है?"
इसके जवाब में सौम्या फिर हंसते हुए बोली, "अरे बाबा, मुझे पता है! कल मेरी मल्लिका का बर्थडे है, और वो कल 17 साल से पूरे 18 साल की हो जाएगी।"
ये सुनकर मल्लिका किसी बच्चे की तरह खिलखिलाकर हंसने लगी और बोली, "मुझे पता था, मेरी दी को मेरा बर्थडे हमेशा याद रहेगा। और आपको ये भी पता है कि बर्थडे के दिन मैं हमेशा आपके हाथ का केक ही कट करती हूं। तो आप कल भी मेरे लिए केक बनाओगी ना?"
ये सुनकर सौम्या ने बहुत प्यार से उसके चेहरे पर हाथ फेरते हुए कहा, "हाँ बच्चा, मैं तुम्हारे लिए ज़रूर बनाऊंगी। अब जाओ, जाकर रेस्ट करो। मैं अभी कुछ खाने को लेकर आती हूं।"
ये सुनकर मल्लिका ने बहुत ही क्यूटली अपना सिर हिला दिया और सौम्या सीधे किचन में चली गई।
इधर, मल्लिका वापस कमरे में आई तो उसने देखा, उसका फोन बज रहा था। उसने अपना फोन उठाया, तो उसके चेहरे पर स्माइल आ गई। वो कुछ मैसेज टाइप करने लगी। उसने मैसेज में लिखा:
"मैं इंडिया आ चुकी हूं और अभी अपनी बहन के साथ टाइम स्पेंड कर रही हूं, मिस्टर स्ट्रेंजर। मैं तुमसे बाद में बात करूंगी। अब तुम बार-बार मेरे फोन पर मैसेज मत करना, क्योंकि मैं यहाँ अपनी बहन और डैडी के साथ रहती हूं। अगर उन्होंने मेरे फोन में तुम्हारे मैसेज बार-बार देखे, तो वो मुझसे सवाल करने लगेंगे। और अभी तो मैं तुम्हें ठीक से जानती भी नहीं, इसलिए प्लीज मैसेज मत करना। मैं खुद करूंगी तुम्हारे पास।"
तभी उधर से मिस्टर स्ट्रेंजर का मैसेज आया:
"क्या मैं अभी भी तुम्हारे लिए स्ट्रेंजर हूं? हम पिछले 6 महीने से बात कर रहे हैं। क्या तुम मुझे देखना नहीं चाहती?"
अचानक से मल्लिका का दिल जोरों से धड़कने लगा।
उसे एक अजीब सी हलचल महसूस हुई और वो थोड़ा सा शरमाते हुए बोली, "पिछले 6 महीने से मैं एक स्ट्रेंजर से बात कर रही हूं। पता नहीं कैसे, लेकिन मैंने इस स्ट्रेंजर को कुछ ऐसे अपना दिल दे दिया है। मुझे इससे बात करना बहुत अच्छा लगता है। ऐसा एक भी दिन नहीं जाता, जिस दिन मैं इससे बात ना करूं। हालांकि, अभी हमने एक-दूसरे का चेहरा भी नहीं देखा है। अभी हम सिर्फ मैसेज से ही बात करते हैं। यहां तक कि हमने कॉल पर भी बात नहीं की। लेकिन फिर भी, ये मेरा दिल और दिमाग पर बिल्कुल हावी हो गया है।"
तभी फिर से मैसेज आया:
"मैं इंडिया में ही हूं। क्या तुम मुझसे मिलना चाहोगी?"
इस मैसेज को देखकर मल्लिका की आंखें बड़ी-बड़ी हो गईं। वो जल्दी से बोली, "हाँ, बिल्कुल मैं तुमसे मिलना चाहूंगी, पर अभी नहीं। कल मेरा बर्थडे है, तो कल मैं अपनी फैमिली के साथ रहूंगी।"
तभी उधर से मैसेज आया:
"कल तुम पूरे 18 की हो जाओगी, ना? तो क्या कल तुम मुझसे मिलना पसंद नहीं करोगी?"
ये सुनकर मल्लिका ने कहा, "नहीं, कल मैं अपनी फैमिली के साथ वक्त बिताऊंगी।"
तभी सौम्या की आवाज आई, "मल्लिका, क्या कर रही हो?"
मल्लिका ने जल्दी से मैसेज टाइप किया:
"बाय-बाय, मेरी बहन बुला रही है।"
इसके साथ ही उसने फोन रखा और सीधा बाहर चली गई।
रात का वक्त था। मल्लिका इस वक्त कमरे में लैपटॉप पर काम कर रही थी। वो थोड़ी परेशान लग रही थी। तभी सौम्या उसके लिए दूध का गिलास लेकर आई और टेबल पर रखकर बोली, "क्या हुआ बच्चा? तुम इतनी परेशान क्यों लग रही हो?"
तभी मल्लिका ने फ्रस्ट्रेट होकर कहा, "जिस कंपनी ने मुझे ऑडिशन के लिए कल बुलाया था, उसने मुझे रिजेक्ट कर दिया। और अभी पता चला है कि वो कंपनी बंद हो गई।"
ये सुनकर सौम्या ने नासमझी में कहा, "तो फिर तुम परेशान क्यों हो?"
मल्लिका की आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा, "मैंने सोचा था कि मैं मॉडलिंग का ऑडिशन दूंगी। पर अब देखिए ना, उन्होंने मुझे रिजेक्ट कर दिया और साथ में वो कंपनी भी बंद हो गई। मैं क्या करूंगी दी? मैंने तो अपना करियर इसमें सोच लिया था, पर अब तो..."
ये कहते हुए उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे।
सौम्या ने उसे अपने सीने से लगाते हुए कहा, "शांत हो जाओ। सिर्फ एक रिजेक्शन से तुम्हारा करियर डिसाइड नहीं होता। ये जिंदगी है। जिंदगी में तो बहुत सारे रिजेक्शन को हमें फेस करना पड़ता है। इसका मतलब ये थोड़ी नहीं कि वैसे रोने लग जाओ।"
ये सुनकर मल्लिका ने सुबकते हुए कहा, "तो फिर अब मैं क्या करूंगी?"
तभी सौम्या के दिमाग में अचानक से कुछ आया और वो तुरंत बोली, "अरे हां! मैं तो तुम्हें बताना ही भूल गई। तुम्हारे ब्रदर-इन-लॉ रिचेस्ट पर्सन होने के साथ-साथ एंटरटेनमेंट कंपनी के सीईओ भी हैं।"
"What?"
एंटरटेनमेंट कंपनी का नाम सुनते ही मल्लिका की आंखें फटी की फटी रह गईं।
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