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उस आवाज़ को सुनते ही आदित्य के चलते कदम ही, अपनी जगह पर बिल्कुल थम गए। उसने पीछे मुड़कर देखा तो वहां खड़े व्यांश को देखकर आदित्य के expressions और भी ज़्यादा बदल गए। वह हिचकिचाते हुए बोला, "अरे व्यांश बेटा, तुम यहां क्या कर रहे हो? तुम्हें तो अंदर पार्टी में होना चाहिए ना? सब तुमसे ही तो मिलने के लिए बेकरार थे। जाओ पार्टी में, यहां ऐसे बच्चे रात को नहीं घूमते।"

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